नवमी पर खौलते तेल में हाथ से पूड़ी निकालेंगे बाबा दुर्गादासनंद |
सिवनी । मुख्यालय से 15 किमी दूर नागपुर रोड स्थित मां ज्वाला देवी सिद्ध पीठ कलबोड़ी मंदिर में शारदीय नवरात्र पर्व पर 351 अखंड ज्योति मनोकामना कलश जगमगा रहे है,जिसमे 6 कलश घी के है। सिवनी, छिंदवाड़ा, भोपाल, नागपुर, मुंबई, भंडारा, बालाघाट, गोंदिया, रायपुर, मंडला, भिलाई, दिल्ली, हाथरस, इलाहबाद, नासिक, राजस्थान, लखनऊ, फैजाबाद, अयोध्या, जम्मू-कश्मीर, कोटा व नेपाल ,जबलपुर, रीवा,नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी सहित मध्यप्रदेश के 20 जिलों से श्रद्धालुओं ने मनोकामना कलश की स्थापना कराई है। मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा दुर्गादासानंद ने बताया कि बैठकी के दिन से दोपहर में किले की आसन में बैठकर आसन लगायी जा रही है,इस आसन में दूर-दूर से श्रद्धालु प्रतिदिन आ रहे है,जिनकी समस्या का निराकरण बाबा द्वारा किया जा रहा है। वही सुबह 8.30 बजे मातारानी की आरती एवं शाम को प्रतिदिन 08.00 बजे महाआरती की जा रही है,जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते है।वही दोपहर में आसन समाप्ति उपरांत सिवनी सहित क्षेत्रीय महिला मंडल द्वारा सुमधुर देवी जसो का गायन किया जा रहा है। वही शाम के समय पुरुष मंडल द्वारा देवी जस का गायन किया जा रहा है। बाबा दुर्गादसानंद ने बताया कि 22 अक्टूबर रविवार को अष्टमी के दिन हवन, पूजन, कन्या भोजन व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।वहीं 23 अक्टूबर को जवारे कलश विसर्जन के पूर्व दुर्गादासनंद बाबा मां ज्वाला देवी की पूजन कर बबूल के कांटे से बनी आसन पर बैठकर डेढ़ घंटे की ध्यान योग व मौन आसन करेंगे। वही उनके बगल में 41 वर्षीय युवक द्वारा खीले की चौरंग पर बैठकर ध्यान योग व मौन आसन किया जाएगा। वहीं दुर्गादासानंद बाबा द्वारा मातारानी को भोग लगाने के लिए अपने हाथों से गरम तेल की कढ़ाई से पुड़ी निकालेंगे।इसके बाद बाबा दुर्गादासानंद द्वारा खौलते तेल में अपने केशों (बालों) को डुबाकर तेल स्नान व शेष बचे हुए तेल को रोगी दुखी पीड़ितों को वितरित करेंगे,साथ ही नौ बैलगाड़ी पर कन्या को बैठाकर अपने कंधो से खिंचते है। इसके बाद जलता हुआ खप्पर अपने सीने में रखकर बाबा द्वारा मातारानी की आराधना की जाती है,इसके बाद बाबा जी द्वारा कलशों व ज्वारों की पूजन अर्चना कर विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी,जो राम मंदिर होती हुई बजरंग दादा के दरबार पहुंचेगी। यहां स्थित कुएं में कलशों व जवारों का विसर्जन होगा। मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा दुर्गादसानंद द्वारा कलश रखने वाली महिलाओं को सुहाग चिन्ह के रूप में चूड़ी, बिंदी,ब्लाऊज पीस, कुमकुम आदि का वितरण किया जायेगा। माँ ज्वाला देवी की संध्या आरती के पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा।इस कार्यक्रम में मंदिर समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में पहुंचकर पुण्यलाभ अर्जित करने की अपील की है।
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