16 प्रकरणों में दण्डाधिकारी ने किया जिला बदर
बालाघाट 21 अक्टूबर 23/ कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने जिला बदर के प्रकरणों में पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन और साक्ष्यों के आधार पर मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5(क)(ख) के तहत 16 प्रकरणों में 01 वर्ष कालावधि के लिये जिला बदर घोषित किया है। इन सभी 16 आरोपियों पर जिले के विभिन्न थानों में समाज विरोधी व अपराधिक व्यक्तियों और अपराधिक गतिविधियों में संलग्न होने के अलावा कई तरह के मामले पंजीयबद्ध होने के कारण यह कार्यवाही की गई है। इन सभी 16 जिला बदर के आरोपियों को बालाघाट की सीमा तथा सिवनी, मण्डला और डिंडोरी की राजस्व सीमाओं से 01 वर्ष की कालावधि के लिये निष्कासित रहना होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-14 के तहत कार्यवाही की जायेगी। 01 वर्ष की कालावधि के लिये जिला बदर का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इनके अलावा 04 प्रकरणों में जिला दण्डाधिकारी डॉ. मिश्रा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-110 के तहत प्रतिभूति राशि 50 हजार रुपये पर 01 वर्ष के लिये प्रतिबंधित किया गया है।इनको किया जिला बदर
जिला दण्डाधिकारी डॉ. मिश्रा द्वारा इन आरोपियों को जिले की राजस्व सीमा से जिला बदर घोषित किया गया है इनमें मानेगांव कटंगी के अमित सेवकराम गौतम, नैतरा के इंद्रकुमार शिवरतन लिल्हारे, धनश्याम इगू किशोर लिल्हारे, हेतराम ऊर्फ हेतु चतुरदास सौलखे, थानेगांव के तरूण पंचमलाल नगपुरे, लवेरी के राजू ऊर्फ राजकुमार तिलकचंद बम्बुरे, बालाघाट जयहिंद टॉकज के पीछे के सोनिया ऊर्फ सोनू ऊर्फ प्रवेश शर्मा, भटेरा चौकी बालाघाट के राजू ऊर्फ धर्मेन्द्र राजकुमार मिश्रा, बाकीगुडा के सुरेश मोहन सिंह पंद्रे, खरखड़ी के देवराज शोभाराम तुरकर, खैरलांजी के सुरेश मदनलाल लिल्हारे, मिरगपुर के राजेश ऊर्फ मुन्ना रामनाथ मरठे, बुदबुदा के मो. शफीक ऊर्फ शफी ऊर्फ मंझला. हबीब कुरैशी, भरवेली के मोंटू ऊर्फ आदित्य बलराम चौहान, किरनापुर के दिग्विजय ऊर्फ दिग्गी दीनदयाल मोहारे, वारासिवनी के तुषार रामनाथ बिसेन शामिल है। इनके अलावा रामपायली के अरुण पंचमलाल नगपुरे, लांजी के राजकुमार रामाधीन नागेश्वर, बहेला के अफसर अमीर खान ऊर्फ उमरेया, मंगेश झरिके, तुषार रामनाथ बिसेन और धपेरा लालबर्रा के राजू ऊर्फ राजकुमार पिता भुरा ऊर्फ रामकिशोर बम्बुरे को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-110 के तहत प्रतिभूति राशि 50 हजार रुपये पर 01 वर्ष के लिये प्रतिबंधित किया गया है।