मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (ग्रामीण) योजना

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मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो आवासहीन अथवा कच्चे, अर्धपक्के आवासों में निवासरत हैं, को पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए, मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (ग्रामीण) योजना, 2013 सम्पूर्ण म.प्र. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र (शहरी एवं नजूल बाह्य क्षेत्र को छोड़कर) लागू है।

पात्रता

 आवासहीन, कच्चे, अर्द्धपक्के आवासों में निवासरत, ग्राम में रहने वाले, निरंतर 2 वर्षों से पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो निम्न शर्तें पूर्ण करते हों, इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं- जो इंदिरा आवास योजना अथवा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु अनुदान प्राप्त करने की पात्रता धारित न करते हों। जिनके परिवार के पास अधिकतम तीन हेक्टेयर कृषि भूमि हो अथवा जिनके परिवार की सभी स्त्रोतों से अधिकतम आय 3 लाख रूपए वार्षिक तक हो। जिनके पास उक्त कंडिका 6 में वर्णित अनुसार, आवास निर्माण के लिये पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। अथवा जो शासन से आवास हेतु भूमि प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं। अथवा जो अपने स्वामित्व की कृषि भूमि में स्थित भू-खंड पर आवास निर्माण के इच्छुक हों। अथवा जो ग्राम की आबादी में भू-खंडधारक प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं। जो निर्धारित अभिन्यास में 225 वर्गफुट प्लिंथ एरिया का आवास निर्माण हेतु बैंक से ऋण प्राप्त करने तथा स्वयं का अंशदान श्रम, सामग्री, सम्मिलित रूप में प्रदान करने के लिए सहमत हों।

हितलाभ

चयनित हितग्राही को न्यूनतम 50 हजार रूपए के बैंक ऋण अनुदान की प्रतिपूर्ति मंडल द्वारा की जाएगी। यद्यपि बैंक द्वारा हितग्राही को न्यूनतम रूपये 50 हजार का ऋण स्वीकृत किया जाएगा, किन्तु हितग्राही की माँग पर, यदि बैंक चाहेगा तो हितग्राही की पुर्नभुगतान क्षमता का निर्धारण कर, पुनः भुगतान क्षमता के आधार पर, उक्त 50 हजार रूपए मात्र के ऋण के अतिरिक्त, अधिकतम 30 हजार रूपए मात्र का अतिरिक्त ऋण, उसे स्वीकृत कर सकेगा किन्तु इस अतिरिक्त ऋण स्वीकृति में राज्य शासन की कोई भूमिका नहीं होगी। मण्डल द्वारा देय अनुदान की राशि प्रत्येक प्रकरण में 50 हजार रूपए मात्र तक सीमित होगी। मण्डल के अनुदान की राशि मण्डल द्वारा जिला श्रम कार्यालयों को प्रदान की जायेगी जिसे जिला श्रम कार्यालय द्वारा लक्ष्य के अनुपात में जनपदों को उपलब्ध कराया जायेगा तथा जनपद द्वारा स्वीकृत ऋण प्रकरणों के आधार पर बैंकों को मांग अनुसार राशि उपलब्ध कराई जायेगी। पदाभिहित अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत है।

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