जिले में स्‍थापित चेकपोस्‍ट पर सतत निगरानी से धान के अवैध आगमन पर लगा अंकुश बाहर से आयतित अवैध धान जिले की उपार्जन व्‍यवस्‍था में नहीं हो रहा शामिल

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बालाघाट खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में बालाघाट जिले में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन का कार्य दिनॉक 28 नवम्‍बर 2022 से प्रारंभ होकर शासन द्वारा निर्धारित ति‍थि 16 जनवरी 2023 तक चलेगा। इस अवधि में अन्‍य राज्‍यों व जिलों की धान बालाघाट जिले में न आकर जिले की उपार्जन व्‍यवस्‍था में शामिल न हो सके, इसे रोकने हेतु जिले की सीमाओं पर सात चेकपोस्‍ट - कंजई (लालबर्रा), नहलेसरा (कटंगी), गुडरू (लामता), रजेगांव (किरनापुर), कुलपा (लांजी), सालेटेकरी (बिरसा) तथा मोवाड़ (खैरलांजी) स्‍थापित कर मंडी समिति, पुलिस विभाग, वन विभाग, सहकारिता विभाग, राजस्‍व विभाग एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का दल गठित कर ड्यूटी लगायी गयी है, जो कि सीमावर्ती चैकपोस्‍ट पर 24 घंटे तैनात रहकर धान के वाहनों की चैकिंग एवं मॉनिटरिंग की सतत कार्यवाही कर रहे हैं। संबंधित तहसील के तहसीलदार तथा संबंधित पुलिस थाना के थाना प्रभारी को इन चेकपोस्‍ट का प्रभारी अधिकारी नियुक्‍त किया गया है।

उप संचालक कृषि राजेश खोब्रागड़े ने इस संबंध में बताया कि समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन अवधि के पूर्व एवं दौरान यह आवश्‍यक है, कि जहां एक ओर जिले के धान उत्‍पादक किसानों को उनकी निर्धारित गुणवत्‍ता की उपज उपार्जन केन्‍द्रों पर समर्थन मूल्‍य पर विक्रय करने में कोई परेशानी न हो, वहीं दूसरी ओर यह भी आवश्‍यक है, कि जिले से जुडी हुई अन्‍य जिलों/राज्‍यों की सीमाओं से अवैधानिक तरीके से लायी गयी धान जिले की उपार्जन व्‍यवस्‍था में शामिल न होने पाये और जिले के सीमित संसाधनों पर अवैध धान की खरीदी का दबाव उत्‍पन्‍न न हो।

जिला प्रशासन द्वारा जिले की सीमाओं पर निर्धारित स्‍थल पर चेकपोस्‍ट की स्‍थापना करवाकर आवश्‍यक व्‍यवस्‍थाओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित की गई है। चेकपोस्‍ट पर तैनात दल ड्यूटी के दौरान आगमित वाहनों को रोककर वाहनों में लोड कृषि उपज का निरीक्षण करते हैं। जिले में आगमित कृषि उपज धान के वाहनों में उपलब्‍ध बिल, बिल्‍टी, अनुज्ञा पत्र, तौलकांटा पर्ची का सूक्ष्‍मता से निरीक्षण कर आगमन-निर्गमन की समस्‍त जानकारी रखते हैं। चेकपोस्‍ट पर अन्‍य राज्‍यों/जिलों से आयतित कृषि उपज धान की दैनिक जानकारी कलेक्‍ट्रेट, बालाघाट में स्‍थापित उपार्जन कंट्रोल रूम को प्रतिदिन भेजी जाती है। साथ ही चेकपोस्‍ट कंजई, नहलेसरा, गुडरू के माध्‍यम से जिले से होते हुए अन्‍य राज्‍यों के लिए परिवहन की जा रही धान का जिले की सीमा से निर्गमन की पुष्टि रजेगॉंव, कुलपा, मोवाड एवं सालेटेकरी चेकपोस्‍ट से की जाती है। सातों चेकपोस्‍ट द्वारा अन्‍य राज्‍यों/जिलों से आयातित धान के वाहनों की तथा जिले की मंडी समितियों के क्रेता अनुज्ञप्तिधारी/गैर अनुज्ञप्तिधारी व्‍यापारियों व प्रसंस्‍करणकर्ताओं की जानकारी संबंधित मंडी समितियों को भेजी जाती है, जिसकी निगरानी, सत्‍यापन तथा मंडी शुल्‍क उदग्रहण की कार्यवाही संबंधित मंडी समिति द्वारा की जाती है।

मंडी समितियों को मंडी शुल्‍क के रूप में मिल रहा राजस्‍व

जिले में स्‍थापित सातों चेकपोस्‍ट पर धान के वाहनों के आगमन-निर्गमन की सतत निगरानी से अन्‍य राज्‍यों/जिलों से आयतित अवैध धान जिले की उपार्जन व्‍यवस्‍था में शामिल नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही जिले की मंडी समितियों को मंडी शुल्‍क के रूप में राजस्‍व की प्राप्ति हो रही है। इस उपार्जन अवधि के दौरान अभी तक जिले की मंडी समितियों में राज्‍य के बाहर से आयातित कृषि उपज धान के कुल 269 बिल प्राप्‍त किये गये हैं। अभी तक इन 269 बिलों से प्राप्‍त 75 हजार 122 क्विंटल धान की कीमत 17.03 करोड़ रूपये पर अधिरोपित 25.55 लाख रुपये मंडी शुल्‍क तथा 3.41 लाख रुपये निराश्रित शुल्‍क का राजस्‍व जिले की मंडी समितियों को प्राप्‍त हो चुका है।


 

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