जंक फूड की ओवर ईटिंग से धौलपुर का तीन में से एक शख्स फैटी लीवर का शिकार

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धौलपुर l लाइफ स्टाइल औऱ खानपान की आदतें बदलने से हम लगातार अनजाने खतरे की ओर बढ़ रहे हैं। जी हां, शरीर में हमारी चर्बी यानि मोटापा बढ़ रहा है। मेडिकल की भाषा में इसे नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर और एल्कोहलिक फैटी लिवर बोलते हैं। इनमें एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या अक्सर रोज शराब पीने वालों में होती है। चिंता इसलिए क्योंकि धौलपुर में 3 में से 1 व्यक्ति फैटी लिवर से पीडि़त है। यूं तो भारत में फैटी लिवर को लेकर कई स्टडी हुई हैं। लेकिन, युवा बेस स्टडी में सामने आया है कि 19 प्रतिशत लोग फैटी लिवर की समस्या से पीडि़त हैं। यानि 5 में से 1 व्यक्ति फैटी लिवर से पीडि़त है। इसलिए हमें तुरंत आदतों में बदलाव करना होगा। डॉक्टरों के मुताबिक संतुलित भोजन करें और आधा घंटा रोज घूमें।
फैटी लिवर से ही होती है डायबिटीज
म़ेडिकल स्टडी के मुताबिक यदि लिवर में वसा (चर्बी) की मात्रा 10 प्रतिशत से अधिक हो तो लिवर फैटी होने लगता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) की संभावना बढ़ जाती है। अगर एक हफ्ते में 14 यूनिट से ज्यादा शराब पीने से लिवर डैमेज भी हो सकता है।
जानिए... लिवर क्यों है महत्वपूर्ण ?
यह संक्रमण और बीमारी से लड़ता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। रक्त के थक्का जमने से रोकने में मदद करता है। शरीर में कई जरूरी प्रोटीन बनाता है। शरीर से टॉक्सिक सब्सटांस को निकालता है।
विश्व लिवर दिवस आज }संतुलित भोजन करें और रोजाना आधा घंटा जरूर घूमें सेनानी स्व. डॉ. मंगल सिंह जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह बताते हैं कि शरीर में फैट जमा होने से लिवर के साथ किडनी और हार्ट भी प्रभावित हो सकते हैं। क्योंकि मोटापा, डायबिटीज अथवा ब्लड में कोलेस्ट्रोल ज्यादा होने से लिवर फैटी होने की 60 प्रतिशत संभावना रहती है। अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों आने वाले 300 में से 100 मरीज फैटी लिवर के होते हैं। शुरुआती स्टेज में ही मामूली सावधानी बरतने से यह रोग ठीक हो सकता है। लेकिन, नजर अंदाज करने पर कभी भी स्थिति गंभीर बन सकती है। क्योंकि यह हम जो भी कुछ खाते-पीते हैं। वह लिवर से होकर गुजरता है। अगर इसकी अच्छी देखभाल ना हो तो यह डेमेज हो सकता है। ज्यादातर लोग फैटी लिवर की समस्या से अनजान हैं। क्योंकि उन्हें इसका आसानी से पता ही नहीं चलता। जबकि कुछ लोग जानते हुए भी इग्नोर कर देते हैं। भारत में एक स्टडी से सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में शारीरिक परिश्रम और व्यायाम में कमी आई है। इससे डायबिटीज और मोटापा तेजी से बढ़ा है। शहर के लोगों की तुलना में ग्रामीण किसानों में यह समस्या काफी हद तक कंट्रोल है।


 

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